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Best #35 Hindi Shayari, Quotes, Thoughts, new WhatsApp status 2020-21

Here are #35 very beautiful Hindi shayari or quotes.  free whatsapp status 2021


#1

"सुना है बहुत बारिश है

तुम्हारे शहर में,

ज़्यादा भीगना मत,

अगर धुल गयी सारी ग़लतफ़हमियाँ,

तो बहुत याद आएँगे हम...!" 


#2

"जीवन का कड़वा सच........संघर्ष के समय कोई नज़दीक नहीं आता, और......

सफलता के बाद किसी को आमंत्रित नहीं करना पड़ता !


#3

अहंकार” और “संस्कार” में फ़र्क़ है

“अहंकार” दूसरों को झुकाकर कर खुश होता है,

“संस्कार” स्वयं झुककर खुश होता है..! 


#4

"फितरत किसी की ना आज़माया कर ऐ जिंदगी , हर शक़्स अपनी हद में बेहद लाजवाब होता है" 


#5

समय हर समय को बदल देता है, बस्स समय को थोडा समय चाहीये।।


#6

"ग़लती  नीम की नहीं की वो कड़वा है ,

ख़ुदगर्ज़ी जीभ की है की उसे मीठा पसंद है.!!" 


#7

कुछ उलझनों के हल वक्त पर छोड़ देने चाहिए..

बेशक जवाब देर से मिलेंगे लेकिन अनुकूल होंगे।


#8

"सुना है बरसों बाद भी आपने जिद की आदत नहीं बदली,

काश हम मोहब्बत नहीं… आपकी आदत होते " 


#9

फिर से शुरुआत करने में

कभी मत घबराना

क्योंकि इस बार शुरुआत

शून्य से नहीं "अनुभव" से होगी।


#10

 "मतलब" बहुत वज़नदार होता है

"निकल" जाने के बाद 

हर रिश्ते को हल्का कर देता है "


#11

" बाँसुरी से सीखा आज नया सबक-ए-ज़िंदगी!

इतने ज़ख्म है सीने में तब भी गुनगुनाती है...!!!! "


#12

"महक "गुलाब" की आएगी आपके हाथों से,

किसी के रास्ते से "काँटे" हटाकर तो देखो ..!!!' 


#13

"उपलब्धि" और "आलोचना" एक दूसरे के मित्र हैं।

 उपलब्धियां बढ़ेगी तो निश्चित ही आपकी आलोचना भी बढ़ेगी ..!! 


#14

*परम सौभाग्यशाली वो होते हैं,*


                *जिनके पास*


    *"भोजन के साथ भूख भी हो"*

    *"बिस्तर के साथ नींद भी हो"*

        *"धन के साथ धर्म भी हो"*

                     *और*

           *"विशिष्टता के साथ*

             *शिष्टता भी हो!!!"


#15

जिंदगी में ऐसा मुक़ाम आ जाए,

मेरी रूह और जान, आपके काम आ जाए,

हर दुआ में बस यही मांगता हूँ,

कि अगले जन्म में भी, आपके नाम के साथ मेरा नाम आ जाए...!! 


#16

केवल आत्म विश्वास होना चाहिए,जिंदगी तो कही से भी शुरू हो सकती हैं. हँसते हुए लोगों की संगत,इत्र की दुकान जैसी होती है,कुछ न खरीदो तो भी,रूह तो महका ही देती है!


#17

कुछ लोग आपके चेहरे से आपके अंदर देखना चाहते है..

पागल है, किनारों से समंदर देखना चाहते है ..!!


#18

"असफलता का डर ही, सफलता के मार्ग का सबसे बड़ा रोड़ा है ..!!" 


#19

"दलीलें अक्सर झूठ के लिए दी जाती है ...

सत्य तो स्वयं अपना वकील होता है ..!!" 

.................................................


"मैं छुपाना जानता तो जग मुझे साधु समझता ; शत्रु मेरा बन गया है छल रहित व्यवहार मेरा "  

~ Harivansh Rai bachchan


#20

'बहुत कम लोग जानते है

की वो बहुत कम जानते हैं '


#21

"कुछ तो चाहत होगी इन बारिशों की बूंदों की भी


वरना कौन गिरता है इस जमीन पर

आसमान तक पहुंचने के बाद..."


#22

'अकेलेपन का बल पहचान 

शब्द कहाँ जो तुझको टोके 

हाथ कहाँ जो तुझको रोके 

राह वही है, दिशा वही है, तू करे जिधर प्रस्थान 

अकेलेपन का बल पहचान ।


जब तू चाहे तब मुसकाए,

जब चाहे तब अश्रु बहाए,

राग वही तू जिसमें गाना चाहे अपना गान ।

अकेलेपन का बल पहचान ।'


#23

 "दुआएं जमा करते रहिए.... सुना है जायदाद, शौहरत ऐवं घमंड साथ नहीं जाते...।" 


#24

"जीभ पर लगी चोट जल्दी ठीक हो जाती है

 लेकिन जीभ से लगी चोट कभी ठीक नहीं होती..!!" 


#25

" रिश्ते बनाना उतना ही सरल है, जितना मिट्टी पर मिट्टी से मिट्टी लिखना ।

और निभाना उतना ही कठिन जितना पानी पर पानी से पानी लिखना ॥" 


#26

"एक उम्र थी की जादू पर भी यक़ीन था , एक उम्र है की हक़ीक़त पर भी शक है" 


#27

 संसार में गऊ बनने से काम नहीं चलता, जितना दबो, उतना ही दबाते हैं।

- प्रेमचंद


#28

 " एक हल्का सा हवा का झोंका जलते “दीपक” को बुझा सकता है पर “अगरबत्ती” को नहीं…

क्योंकि जो “महकता” है वही पुरा जीवन आनंदित रहता है..., और जो “जलता” है वह खुद बुझ जाता है " 


#29

" दुश्मन बनाने के लिए ज़रूरी नही लड़ा जाए,

आप थोड़े कामयाब हो जाओ तो वो ख़ैरात में मिलेंगें " 


#30

'अंहकार में तीनों गए धन, वैभव और वंश।

ना मानो तो देख लो, रावण, कौरव, कंस।।' 


#31

मज़हब तो ये दो हथेलियाँ बताती हैं,

जुड़ें तो "पूजा" खुलें तो “दुआ”  कहलाती हैं..!


#32

" ख़ामोशी की तह में छुपा लो सारी उलझनें को,

शोर कभी मुश्किलों को आसान नहीं करता..!!" 


#33

'मिलता तो बहोत कुछ है ज़िंदगी से

मगर हम गिनती उसी की करते है जो हांसिल ना हुआ हो' 


#34

मैं जला हृदय में अग्नि , दहा करता हूँ ,


सुख दुःख दोनों में मग्न रहा करता हूँ ;


जग भव-सागर तरने को नाव बनाये ,


मैं भव -मौजों पर मस्त बहा करता हूँ 

~ हरिवंश राय बच्चन 


#35

पलट कर जवाब देना बेशक गलत बात है, लेकिन सुनते रहो तो लोग बोलने की हद भूल जाते है ..!!